में शुरुआत में जब ब्रह्माकुमारी में आई तो एक बात थी जो में Accept नहीं कर पा रही थी ,यहाँ कहा जाता था की यहाँ खुद परमात्मा पढ़ा रहे है, लेकिन जब मेने समझा और पढ़ा तब पता चला यहाँ खुद परमात्मा पढ़ा रहे है| Bk Shivani
मैं ‘नहीं’ शब्द को सुनने के , सक्षम नहीं हूँ। मैं इंकार को स्वीकार नहीं करता। Dhirubhai Ambani